मूंगफली की खेती करने का आसान तरीका:

मूँगफली की खेती:
भारत में मूंगफली की खेती एक प्रमुख तिलहन फल है, और इसे आसान बनाने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन किया जा सकता है:

1. जलवायु और मिट्टी की तैयारी:
मूंगफली की खेती के लिए गर्म और शुष्क जलवायु उपयुक्त है। इसके लिए 20°C से 30°C तापमान सबसे अच्छा माना जाता है।
मूंगफली की खेती के लिए गार्डन ट्रीली डोमट उपयुक्त है, जिसमें जल व्यवस्था की अच्छी व्यवस्था हो।
खेत को अच्छी तरह से जोतें और मिट्टी में जीवांश खाद (गोबर की खाद या कंपोस्ट) डालें।
2. बीज का चयन:
अच्छे और स्वास्थ्यवर्धक बीज का चयन करें। बीज रोगमुक्त एवं अच्छी गुणवत्ता वाला होना चाहिए।
बीज उपचार: प्लास्टर से पहले कणों का उपचार करना चाहिए।
3. रिकॉर्डिंग का समय:
व्यावसायिक फ़सल: जून से जुलाई के बीच बिज़नेस करें।
रबी फ़ाल: नवंबर से दिसंबर के बीच नामांकन करें।
डेडलाइन में 30-45 सेमी की दूरी और 10-15 सेमी की दूरी तय करें।
4. सिंचाई:
भोजन के लिए सीक्वेल की आवश्यकता है, लेकिन भारी से स्वीकृत।
15-20 दिनों के बाद पहली बार सीलिंग की आवश्यकता होती है और फिर आवश्यकता होती है।
5. खादी और खादी:
मूंगफली के अच्छे निर्माताओं के लिए मैग्नीशियम, फास्फोरस और पोटाश की आवश्यकता होती है।
चतुर्थांश के समय जीवांश खाद और अवशेष की थोड़ी मात्रा शामिल है।
मिट्टी में मिट्टी डालने से पहले फास्फोरस और पोटाश की लकड़ी।
6. नियंत्रण रेखा:
फसल की शुरुआत में 30-40 दिनों में क्रोएशिया पर नियंत्रण जरूरी है। इसके लिए हाथों से निराई या लिपस्टिक का प्रयोग करें।
7 किट और नियंत्रण रोग:
मूंगफली में मुख्यतः केशिल असिता, लीफ स्पॉट और ताना मक्खी जैसी समस्याएं होती हैं। इनके लिए समय-समय पर जैविक रसायन या आवश्यक रसायन का प्रयोग करें।
8. कटाई और फसल उगाना:
मूंगफली की फ़सल 90-120 दिनों में तैयार हो जाती है। जब पत्तियों के पत्ते पीले लगें और फलों की आंतरिक परत भूरे रंग की हो जाए, तो काटने का समय होता है।
फलों की कटाई करने के बाद फूलों को धूप में सुखाएं और फिर फलों को इकट्ठा करें।
इस तरह आप मूंगफली की सब्जी की खेती कर सकते हैं
                मूँगफली खाने का लाभ:
अगर नियमित और सीमित मात्रा में खा जाए तो पाचन तंत्र ठीक हो जाता है। 
मूंगफली में प्रोटीन और कई पर्यटक पाए जाते हैं। इसलिए जो व्यक्ति बहुत दुबला पतला होता है उसका वजन बढ़ जाता है। लेकिन भारी मात्रा में भोजन से यह नुकसान भी होता है। मूँग को लोग बार-बार यात्रा के समय पास करने के लिए देखते हैं।
          मूंगफली खाने के नुकसान:
1, कुछ लोगों के लिए मूंगफली का नुकसान भी होता है। इसका मुख्य सेवन करने से पाचन तंत्र पर बुरा प्रभाव पड़ता है। 
2, जिन लोगों को पहले से ही एसिडिटी की समस्या होती है उन्हें यह समस्या अधिक बढ़ सकती है। मूंगफली एक उच्च गुणवत्ता वाला खाद्य पदार्थ है जिसके सेवन से वजन तेजी से बढ़ सकता है। 
3, अगर आपको पाचन तंत्र से जुड़े मुद्दे जैसे कि गैस, एसिडिटी और बार-बार बदहज़मी रहती है, तो भोजन से या समस्या बढ़ सकती है। 
4, कई लोगों को एलर्जी के कारण एलर्जी हो सकती है जैसे कि खुजली, लाल चकत्ते, सूजन, दस्त उल्टी, मतली, पेट में दर्द, सांस लेने में परेशानी, बेचैनी, त्वचा में जकड़न नाक बहना, आंखों से पानी आना, गले में खराश हो सकती है।
5. मूंगफली के अधिक सेवन से शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा भी बढ़ सकती है। अगर आपको पहले से ही गठिया या हाइपरन्यूमोनोसिस की समस्या है तो खाने से पहले डॉक्टर से राय जरूर लें। 
6, मूंगफली के अधिक सेवन से पेट में दर्द, गैस ब्लोटिंग और कब्ज की समस्या हो सकती है। इससे बचने के लिए आप भीगी हुई या ज़मीन पर बनी मूंगफली का सेवन कर सकते हैं लेकिन अधिक मात्रा में सेवन ना करें।
आपको यह भी पढ़ना चाहिएटमाटर की खेती करने का सही तरीका

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ