बटेर पालन की तैयारी:
स्थान का चयन:
बटेर के पालन के लिए छोटी से जगह की आवश्यकता होती है। एक छोटे से कमरे या शेड में भी यहीं पाला जा सकता है। स्थान साफ-सुथरा, हवादार और सुरक्षित होना चाहिए।
व्यवसाय की व्यवस्था :
बटर को पिंजरों में रखा जाता है। नकली नकली होना जरूरी है ताकि माल आसानी से नीचे गिर सके। प्रत्येक मशीन में 5-6 बैटरी रखी जा सकती हैं।
- **तापमान** नियंत्रण: तापमान में 20-25 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है। ठंड के मौसम में सिलिकॉन या चॉकलेट का उपयोग करें।
बटेर की नस्ल का चयन:
- बटर की कई नस्लें होती हैं, जैसे जापानी बटर, बॉबव्हाइट बटर, आदि। जापानी बटर के लिए अंडा और मांस दोनों सबसे ज्यादा पसंद किये जाते हैं।
आहार प्रबंधन:
- बटेर को आहार देना जरूरी है। क्वे प्रोटीन, विटामिन और मसाले युक्त आहार आहार।
- बटर के चूजों को शुरू में 28-30% प्रोटीन युक्त आहार देना चाहिए।
- वयस्क बटेर को 20-22% प्रोटीन युक्त आहार।
- आहार में मक्का, सोयाबीन, चावल की भूसी, और खनिज मिश्रण शामिल हैं।
बटेर का स्वास्थ्य प्रबंधन:
- बटेर को स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से टीकाकरण और पशु चिकित्सा की आवश्यकता होती है।
- पिंजरों को साफ रखें और पानी की साफ-सफाई का ध्यान रखें।
- बीमार बटेर को अलग रखें और इलाज करें।
जन्म प्रबंधन:
- 6-7 सप्ताह की उम्र में अंडे देना शुरू कर देते हैं। बटर की कुछ नस्ल एक महीने के अंदर ही अंडा देना शुरू कर देती है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो यह बत्तख और शिकारी से बहुत पहले अंडा देना शुरू होता है।
- पुरुष और महिला का अनुपात 1:3 या 1:4 रखें।
- एंडों को इन्क्यूबेटर में शिफ्ट किया जा सकता है।
अंडा और मांस का उत्पाद:
- बटेर साल में 200-300 अंडे मिलते हैं।
- बटर का मांस भी बाजार में अच्छी कीमत पर बिकता है। बत्तख या भैंस के मांस से बैटर का मांस बाजार में महंगा बिकता है।
बटेर का बाज़ार Marketing:
- बटर के अंडे और मांस की मांग बाजार में अधिक है। स्थानीय बाजार, होटल और रेस्तरां में अन्य की बिक्री हो सकती है।
- ऑफ़लाइन प्लेटफ़ॉर्म पर भी ऑनलाइन जा सकते हैं।
बैटरी का पालन लाभ:
- बटेर पालन में कम लागत और अधिक नुकसान होता है।
- इनके पालन में समय और मेहनत कम लगती है।
बटेर पालन शुरू करने से पहले स्थानीय कृषि विभाग या विशेषज्ञ से सलाह लेनी होगी।
कोई अभी अध्ययन अवश्य करें,जंगली जानवरों का दुश्मन है या पौधा, खेत के किनारे लगाएं और जंगली जानवरों से अपने फसलों को ब
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