बिहार के किसान प्रशिक्षकों के लिए हरे मटर की खेती के कुछ खास सुझाव:
*मौसम: बिहार का मौसम मटर की खेती के लिए उपयुक्त है। अक्टूबर-नवंबर में ढांचा बनाने से अच्छी मिल सकती है।
*मिट्टी: बिहार में ज्यादातर दोमट मिट्टी पाई जाती है जो मटर की खेती के लिए उपयुक्त है।
* क्यूं:
आर्का जगतिया:
हरे मटर का यह मसाला बहुत जल्दी तैयार हो जाता है। आपके लिए जल्दी तैयार होने वाली मटर की लिस्ट में यह सबसे लोकप्रिय है।
अर्का कोमल,
हरे मटर का यह मसाला मैं रोड पर सीकने की क्षमता होती है। यानी मटर हरे की यह मित्र रोग की संभावना बहुत कम होती है।
स्थानीय स्थान:
बाजार में उपलब्ध स्टॉक के बारे में स्थानीय कृषि विभाग से जानकारी लें। वहां आपको स्थानीय कलाकारों के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हो सकती है।
* हरे मटर की खेती करने का तरीका:
ज़मीन की तैयारी:
जमीन की जूताई करने से पहले इसमें देसी खाद और पोटाश और मिश्रित खाद दाल शामिल है। उसके बाद खेत की जुताई अच्छी तरह से करें और पूरी तरह से समरूप बनाएं।
बीज का चयन:
बी का चयन करते समय आप अपने स्थानीय जलवायु और मिट्टी के नमूनों का चयन करें। ऊपर बताए गए उपकरणों में से किसी एक को आप अपने खेत में लगा सकते हैं। कच्चे माल को बेचने से पहले आपको अच्छी तरह से कीटनाशकों के माध्यम से साफ कर लेना चाहिए।
हरी मटर हड्डी का सही समय:
मटर बोन का सही समय पिछले अक्टूबर से नवंबर महीने तक आप इसे लगा सकते हैं।
खाद और शर्ते:
हरी मटर का थोक बिक्री के लिए निर्धारित है, इसलिए इसे ऊपर से खाद्य पदार्थ देने की आवश्यकता नहीं है।
सीलन और निराई गुराई:
हरी मटर को खींचने से पहले आपको खेत के अनाज को अच्छी तरह से निकालना चाहिए। इसके बाद आप 21 दिन बाद खेत की तलाश कर सकते हैं। सीलन के समय आपको यह ध्यान रखना होगा कि खेत में ज्यादा पानी न रहे।
विशेष नोट:
*बिहार में अक्सर कहीं न कहीं बाढ़ आती है तो कहीं न कहीं सूखा पड़ जाता है। इसलिए सुखाए गए सामान की जगह पर व्यवस्थित ढंग से व्यवस्था करें। बाढ आने वाली जगह पर हरे मटर की खेती के लिए जमीन जहां पानी ज्यादा नहीं हो।
*मिट्टी में स्थिरीकरण: मत्ता दल्हनी फलदायी है, इसलिए यह मिट्टी में स्थिरीकरण होता है।
*फल चक्र: मटर को जमीन या धान के हिसाब से बेचा जा सकता है।
अन्य सुझाव:
स्थानीय कृषि विभाग से नवीनतम तकनीक और परमिट के बारे में जानकारी लें।
* समूह ख़ारिज: अन्य किसानों के साथ सामूहिक समूह ख़ारिज और खेती से जुड़ी वस्तुओं का समाधान।
*बाजार: मटर की फसल को स्थानीय बाजार या मंडी में बेच सकते हैं।
निष्कर्ष:
यह जानकारी सामान्य है। बिहार में विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों और मिट्टी की अलग-अलग विशेषताएँ हैं, इसलिए स्थानीय जंगलों की खेती करें।
हरे मटर खाने का लाभ:
सर जी के सीज़न में हरी मटर का उपयोग सबसे अधिक किया जाता है। ऐसे कई व्यंजन मौजूद हैं जिनमें मटर का उपयोग स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है। लेकिन इसमें सिर्फ स्वाद बढ़ाने वाले गुण ही नहीं बल्कि कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं जो शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होते हैं। मटर को एक सुपर फूड के रूप में भी जाना जाता है। आइए जानते हैं हरी मटर के कुछ औषधीय गुण।
1 , मटरप्रोटीन सेपरेटिटी है।
हमारे शरीर में प्रोटीन का उपयोग घटक, टुकड़े, त्वचा और उपस्थिति को बनाने और उनकी निकासी के लिए किया जाता है। अधिकांश वीडियो के लिए दैनिक प्रोटीन की अनुशासित मात्रा उनकी कुल कैलोरी की 10 से 35 फ़ीसदी तक होती है।
2, दिल के लिए अच्छा है।
मटर खाने से दिल को फायदा है। मटर में मैग्नीशियम, मैग्नीशियम और मैग्नीशियम जैसे कई पोषक तत्वहोते हैं।
3, रक्त रजिस्ट्री नियंत्रण कर रहता है।
मटर का उपयोग खाने से मटर का ग्लाइसेमिया के बारे में पता चलता है। इसलिए इसे खाने के बाद रक्त शर्करा का स्तर तेजी से नहीं बढ़ा। हरी मटर में पाए जाने वाले स्टेरॉयड और प्रोटीन रक्त शर्करा के स्तर को अचानक बढ़ने से रोका जा सकता है।
4, वजन प्रबंधन में भी वजन।
मटर में केटी कम होती है। साथ ही प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता है। जो वजन प्रबंधन में मदद कर सकता है।
5, आँखों की रक्षा कर सकते हैं।
मटर में विटामिन ए होता है जो आंखों को स्वस्थ रखता है। इसके अलावा मैटर में लूटन और जैकी सेटिंग जैसे एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं जो उम्र से संबंधित मैकऑलर डिजनरेशन से रक्षा कर सकते हैं।
6, पाचन में मदर डे कर सकते हैं।
हरी मटर में उच्च मात्रा में हरा पदार्थ होता है। एक अध्ययन से पता चला है कि कट्टरपंथियों ने महान चर्च के विकास को बढ़ावा दिया है, जिससे जठराग्नि की समस्या का खतरा कम होता है। भोज्य पदार्थों से कब्ज का ख़तरा कम होता है।
आपको यह भी पढ़ना चाहिए,नींबू का कौन सा किस में लगाना सबसे उत्तम माना जाता है
0 टिप्पणियाँ