गन्ने की बंपर पैदावार के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए ।
खेत की तैयारी:
खेत की गहराई तक जाएँ और मिट्टी को भुरभुरा बनाएँ।
मिट्टी का पीएच 6.5-7.5 के बीच होना चाहिए।
खेत में जल निकासी का अच्छा प्रबंध होना चाहिए।
2. उन्नत बीजों का चयन:
अपने क्षेत्र और जलवायु के अनुसार बीजों का चयन करें।
उत्तर भारत के लिए: नंबर-0238, नंबर-118, नंबर-86032।
दक्षिण भारत के लिए: नंबर-86032, नंबर-99004।
महाराष्ट्र और गुजरात के लिए: को-740, को-92005।
3. समय पर विध्वंस
प्री-मानसून नरसंहार: फरवरी-मार्च।
पोस्ट-मानसून नरसंहार: सितंबर-अक्टूबर।
4. बीज चयन और उपचार
स्वस्थ और रोग-मुक्त प्लांट के टुकड़े (सेट) का चयन करें।
अणुशक्ति को रॉकेटोनॉक (जैसे, कार्बेन्डाजिम या बविस्टिन) में अकेलेकर क्वार्टर।
5. खाद और देसी प्रबंधन:
जैविक खाद, गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट डालें।
अंकों का सही मात्रा में प्रयोग करें:
विशेषज्ञ (एन): 150-200 किलोग्राम/हेक्टेयर।
प्लांट (पी): 60-80 किलोग्राम/हेक्टेयर।
पोटाश (के): 80-100 किलोग्राम/हेक्टेयर।
6, देखभाल,
30-90 दिनों के अंदर गन्ने की निकाई-गुड़ाई करें।
शाकनाशी (जैसे, मेट्रीबुजिन) का नियंत्रण उपयोग करें।
7, रोग और नियंत्रण,
लाल गागन रोग, पोक्का बोइंग, गन्ने मैं यह लाल रंग का रग
बहुत पाया जाता है। जिसे गन्ने का कैंसर भी कहा जाता है। इसलिए उचित समय में इस रोग का नियंत्रण बहुत जरूरी है। इस रोग के नियंत्रण के लिए आप इस
इकोडर्मा और बायो-पेस्टीसाइड्स जैसे जैविक नियंत्रण का उपयोग करें।
9, समय पर कटाई।
10-12 महीने के बीच में गन्ने की कटाई करें।
कटाई के बाद गन्ने को शीघ्रता से चीनी मिल पहुंचाएं।
गन्ने की उत्तम बीज निम्न प्रकार के हैं।
को-0238 : उच्च चीनी उत्पाद और रोग प्रतिरोधी।
को-86032 : पानी की कमी वाले क्षेत्र के लिए।
को-0118 : कम समय में तैयार होने वाले किस्म है।
निष्कर्ष:
क्षेत्रीय कृषि विशेषज्ञों से संपर्क करें और कृषि एवं मिट्टी परीक्षण के आधार पर प्रशिक्षण संबंधी जानकारी प्राप्त करें। क्योंकि अलग-अलग राज्यों के लिए अलग-अलग बीज उपयोगी होते हैं।
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