मशरूम की खेती में मिल रहा बंपर सब्सिडी: इस प्रकार आप भी ले सकते हैं लाभ


मशरूम की खेती में नए उत्पाद और बिजली का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है, जिससे खेती की प्रक्रिया को सरल और अधिक उपयोगी बनाया जा सकता है। बादाम की खेती के कुछ नए विश्वविद्यालय में निम्नलिखित तकनीकें शामिल हैं:
1. हाइब्रिड स्पॉन का उपयोग:
हाइब्रिड स्पॉन (हाइब्रिड स्पॉन) का मतलब यह है कि चंदन के विभिन्न मिश्रण को एक नई तरह से तैयार करना, जो अधिक उपजी और फोटोग्राफर के प्रति प्रतिरोधी है। हाइब्रिड एस

2. सिलिकॉनोपोनिक विधि:
मूलतः पेनिक तकनीक में मिट्टी का उपयोग नहीं किया जाता है, बल्कि पानी में पोषक तत्व पाए जाते हैं। इस विधि से मशरूम की खेती को नियंत्रित और तेजी से किया जा सकता है। हायपोनी

3. वर्टिकल फार्मिंग (ऊर्ध्वाधर खेती):
वर्टिकल फॉर्मिंग स्थान का सबसे अच्छा उपयोग किया जाता है, जिसमें मशरूम को विभिन्न टुकड़ों में रखा जाता है। इससे छोटे क्षेत्र में भी सबसे ज्यादा हिस्सा लिया जा सकता है।

4. स्मार्ट सेंसर और IOT का उपयोग:
स्मार्ट सेंसर और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) के उपयोग से शेयर, स्टॉक और अन्य शेयरों को स्वचालित रूप से नियंत्रित किया जा सकता है। यह तकनीक मशरूम की वृद्धि और उत्पाद में सुधार करती है

5. बायोफ्लॉक विधि:
इस विधि में जैविक तत्वों के उपयोग से आवश्यक पोषक तत्त्व उपलब्ध होते हैं। बायोफ्लॉक तकनीक, जैविक खाद और प्लास्टर का उपयोग जो प्रमाणित कंपनी करती है

शिक्षण और प्रशासनिक खेती:
टमाटर की खेती में तेजी ला सकते हैं। इसमें डेनमार्क, जापान और जापान की नियंत्रित करने वाली कंपनियों को शामिल किया जा सकता है। इससे पूरे साल में मशरूम का प्रोडक्शन संभव हो पाता है।

7. मशरूम ब्लॉक (ग्रोइंग ब्लॉक) का उपयोग:
ग्रोइंग ब्लॉक्स तैयार करने का मतलब यह है कि मशरूम की खेती के लिए सबसे पहले ब्लॉक्स तैयार करने के लिए उसे किसी भी जगह स्पॉन डिजाइन में इस्तेमाल किया जा सकता है। इस तरह से खेती की प्रक्रिया सरल और आसान हो जाती है।

इन तकनीकों का उपयोग करके किसान मशरूम की खेती में अधिक विविधता और बेहतर उत्पादन कर सकते हैं। 
मशरूम की खेती पर मिल रही बंपर छूट: 
बादाम की खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार भी किसानों को छूट प्रदान करती है। उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को 40% की छूट दी है। अगर आप 10 लाख के मशरूम का उत्पादन करते हैं तो आपको ₹400000 की छूट मिलेगी। इस प्रकार किसान सरकार की मदद से चंदन की खेती करके मुनाफा कमा रहे हैं। अगर आप भी नई टेक्नोलॉजी के माध्यम से मशरूम उगना चाहते हैं तो ऊपर बताई गई किसी भी विधि से आप मशरूम उगा सकते हैं। 
मशरूम की खेती करने का लाभ है: 
मशरूम की खेती से किसानों को बहुत लाभ मिलता है। 

1, कम खर्चे में अधिकतम लाभ 
किसानों को मशरूम की खेती करने में बहुत कम लागत लगती है और लाभ अधिक होता है। इसलिए किसान हैं मशरूम की खेती करना चाहते हैं। 
2, कम जगह की आवश्यकता, 
मशरूम की खेती के लिए आपको सबसे ज्यादा जगह की जरूरत नहीं है। कम जगह में भी अच्छा उत्पाद कर सकते हैं। 
3, बाजार में प्यास मांग 
बादाम की मांग बाजार में बहुत ज्यादा है। इसलिए किसान अपनी खेती करना चाहते हैं।
4, स्वास्थ्य लाभ 
बादाम की खेती से लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है अर्थात पर्यावरण शुद्ध रहता है। 

मशरूम का देसी नाम: 
मशरूम को गांव में अलग-अलग नाम से जाना जाता है। ये देसी छत्ता भी कहते हैं। कई प्रांतों में नाम और नाम भी जाना जाता है।
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