आलू की खेती एक व्यावसायिक व्यवसाय है, इसे सही तरीके और तकनीक के साथ लें। आलू की खेती के लिए निम्नलिखित चरण अपनाएं:
1. जलवायु और मिट्टी का चयन:
आलू युनाइटेड क्लाइमेट में बेहतर उपज देता है। इसका आदर्श तापमान 15°C से 25°C के बीच होना चाहिए। आलू की प्राकृतिक व्यवस्था किसी भी मिट्टी में पैदा की जा सकती है लेकिन डोमेट मिट्टी को उपयुक्त माना जाता है।
।। मिट्टी का पीएच स्तर 5.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।
मिट्टी में जल विक्रेताओं का अच्छा प्रशासन होना चाहिए।
2 बीज का चयन एवं तैयारी:
रोगमुक्त एवं प्रमाणित बीज का चयन करें।
बीज का आकार 30-50 ग्राम होना चाहिए।
बीज को 2-3 घंटे तक कीटनाशक (कार्बेंडाजिम या मैनकोजेब की तरह) के घोल में डुबोकर उपचारित करें।
बीजों को सुरक्षित और छायादार स्थान पर रखने के लिए।
3. खेती की तैयारी:
खेत की अच्छी तरह से जुताई कर दे ताकि मिट्टी भुरभुरा हो जाए। खेत की जुताई चार से पांच बार जरूर करें। क्योंकि आलू जड़ो का जन्म होता है। इसलिए खेत की गहराई और अच्छी तरह होना चाहिए।
खेत में जैविक खाद, गोबर की खाद या कंपोस्ट स्टॉक।
खेत को 75-90 सेमी ब्रेडर्स में बाँट दिया गया।
4. नारियल का समय और विधि
वुल्फ का सही समय समुद्र तट पर अक्टूबर से दिसंबर तक है।
बीज को 8-10 सेमी की गहराई पर और 20-25 सेमी की दूरी पर।
5. चयन और देखभाल:
अनइंस्टॉल के बाद उधार लें।
हर एक हफ्ते बाद आलू के खेत की सीच रुक जाती है लेकिन ध्यान रखें कि लगभग 10 दिन पहले सीज करना बंद कर दिया जाता है।
पटवार मिट्टी निकालने और मिट्टी खोदने के लिए समय-समय पर गुड़ाई करें।
6 खाद और उर्वरक:
प्रति हेक्टेयर 120-150 किलोग्राम फास्फोरस, 60-80 किलोग्राम फास्फोरस, और 100-120 किलोग्राम पोटाश का उपयोग करें।
खाद को तीन विचारधाराओं में बांटकर दें:
खेत की तैयारी का समय
30 दिन बाद की शुरुआत
कांड बनने का समय
अधिक ठंड लगने पर
आप ज़िप्सम फ़र्टिलाइज़र डाल सकते हैं। इस फ़र्टिलाइज़र के उपयोग से उपचारों में प्रकाश आवेश की क्रिया अच्छी होती है जिससे आलू के उपचारों को आसानी से भोजन बनाया जा सकता है और बनाए रखा जा सकता है।
7 . रोग प्रबंधन:
सामान्य रोग: झुलसा रोग, तना गलन, आलू की पपड़ी।
किट: सफेद मक्खी, आलू का कीड़ा।
जैविक या रासायनिक रसायनों का उपयोग करें, जैसे नीम का तेल या क्लोरो पायरीफॉस।
8.फसल की कटाई:
90-120 दिन बाद जब प्रमाणित के पत्ते पीले होने लगें, तब काटें।
काटने के बाद आलू को छायादार जगह पर सुखाएं।
9. भंडारण और विपणन:
आलू को स्वादिष्ट और हवादार जगह पर स्टोर करें।
बाज़ार की माँग और कीमत के अनुसार बेचें।
सही तकनीक से आलू की खेती करने पर प्रति हेक्टेयर 25-40 टन तक उत्पादन हो सकता है। इस प्रकार आलू की खेती करके आप एक सीजन में लाखों रुपये कमा सकते हैं।
निष्कर्ष,
आलू की खेती करना मुश्किल नहीं है लेकिन थोड़ी सी मेहनत लगती है। किसान आलू की खेती करके अपनी उपज को आसानी से बढ़ा सकते हैं।
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