🌾 लेख का सारांश:
खेती को प्राकृतिक और अधिक उपजाऊ बनाने के लिए गोबर खाद का सही उपयोग बेहद जरूरी है। जानिए गोबर खाद कब, कैसे और कितनी मात्रा में खेत में डालनी चाहिए ताकि फसल को अधिक लाभ मिले।
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"खेती में गोबर खाद का डालने का सही तरीका
जानिए गोबर डालने का सही समय, मात्रा और विधि, जिससे उपज में हो 30% तक बढ़ोतरी – पूरी जानकारी यहां पढ़ें।"
📌 गोबर खाद क्या है?
गोबर खाद एक प्राकृतिक जैविक खाद है जो गाय, भैंस आदि के अपशिष्ट से तैयार की जाती है। यह मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने, जैविक गुण सुधारने और फसल को पोषण देने में सहायक है।
🧑🌾 गोबर खाद डालने का सही समय:
खरीफ सीजन के लिए – मई-जून में खेत की तैयारी के समय डालें।
रबी सीजन के लिए – अक्टूबर-नवंबर में खेत में जुताई से पहले डालें।
बरसात से पहले – ताकि वर्षा के साथ खाद मिट्टी में अच्छे से मिल जाए।
📏 गोबर खाद की मात्रा:
फसल का प्रकार प्रति एकड़ गोबर खाद की मात्रा
अनाज (गेहूं, धान) 8–10 टन (8000–10000 किलोग्राम)
सब्जियां 10–12 टन
फलदार पौधे 15–20 किलोग्राम प्रति पौधा
🧴 कैसे डालें गोबर खाद:
कम से कम 6 महीना की राखी गोबर का ही उपयोग करेंll-rotted manure) क्योंकि सड़ी हुई गोबर खेत में डालने से फसल अच्छी होती है और उसका असर जल्दी होता है।
खेत में जुताई से पहले खाद बिखेरें और मिट्टी में मिला दें।
वर्मी कंपोस्ट या जैविक खाद के साथ भी मिलाकर डाल सकते हैं।
बुवाई से कम से कम 15 दिन पहले खाद डालें ताकि इसका असर समय पर दिखे।
🌱 गोबर खाद के फायदे:
मिट्टी की जलधारण क्षमता बढ़ती है।
रासायनिक खाद की जरूरत कम होती है।
मिट्टी में जैविक सूक्ष्मजीवों की वृद्धि होती है।
फसलों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
⚠️ ध्यान देने योग्य बातें:
कच्चा गोबर सीधे खेत में ना डालें, इससे फसल को नुकसान हो सकता है।
बारिश के दौरान गोबर खाद ना डालें, पोषक तत्व बह सकते हैं।
गोबर को 5--6 महीना तक के सरने दे तब उसका उपयोग करें।
🧠 निष्कर्ष:
खेती में गोबर खाद का सही तरीके से उपयोग करने से न केवल फसल की गुणवत्ता और उपज बढ़ती है, बल्कि मिट्टी की सेहत भी लंबे समय तक बनी रहती है। रासायनिक खाद पर निर्भरता घटाने के लिए यह एक सस्ता, सुलभ और प्राकृतिक विकल्प है।
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